आपके बच्चे के कमरे के लिए 15 वास्तु टिप्स
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो आपके घर के ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करने में मदद करता है। जब बात आपके बच्चे के कमरे की आती है, तो सही वास्तु टिप्स न केवल आपके बच्चे की भलाई और मानसिक विकास में सहायता करते हैं, बल्कि उनके जीवन में सकारात्मकता और खुशियों को भी आकर्षित करते हैं। यहाँ हम आपके बच्चे के कमरे के लिए 15 महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स दे रहे हैं जो आपको यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगे कि उनके कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।
कमरे का सही दिशा में होना
बच्चे का कमरा हमेशा घर के पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह दिशाएँ बच्चे की मानसिक शांति, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं। दक्षिण दिशा से बचना चाहिए क्योंकि यह दिशा गर्मी और तनाव को बढ़ा सकती है।
बेड का स्थान
बच्चे का बेड हमेशा दक्षिण-पश्चिम कोने में रखा जाना चाहिए और सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे बच्चे की नींद बेहतर होती है और उनका मानसिक संतुलन बना रहता है।
पढ़ाई की जगह
बच्चों की पढ़ाई की जगह पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए। इससे उनका ध्यान केंद्रित रहता है और वे अपने पढ़ाई में सफलता प्राप्त करते हैं। पढ़ाई के दौरान पीठ के पीछे दीवार होनी चाहिए, जिससे उन्हें स्थिरता का अनुभव हो।
रंगों का चयन
बच्चे के कमरे में हल्के और सौम्य रंगों का प्रयोग करें। हल्का हरा, हल्का नीला, पीला, गुलाबी, और क्रीम रंग बच्चों के मानसिक विकास के लिए उत्तम माने जाते हैं। इन रंगों से बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा और रचनात्मकता का विकास होता है।
सूरज की रोशनी का प्रवेश
बच्चे के कमरे में प्राकृतिक रोशनी का प्रवेश अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए सुनिश्चित करें कि खिड़कियाँ पूर्व या उत्तर दिशा में हों ताकि सूरज की रोशनी सीधे कमरे में प्रवेश कर सके। सूरज की रोशनी से कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
कमरे की सफाई
बच्चे का कमरा हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रहना चाहिए। अव्यवस्थित कमरा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और बच्चे के मानसिक विकास में बाधा डाल सकता है।
आकर्षक दीवार सजावट
बच्चों के कमरे में दीवारों पर ऐसे चित्र या पोस्टर लगाएं जो प्रेरणादायक और सकारात्मक हों। फूलों, प्राकृतिक दृश्यों, और जानवरों के चित्र बच्चों के मानसिक विकास में सहायता करते हैं।
बेड के नीचे खाली स्थान
बेड के नीचे किसी भी प्रकार का सामान या कबाड़ न रखें। बेड के नीचे खाली स्थान रहने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और बच्चे की नींद में सुधार होता है।
दर्पण का सही स्थान
दर्पण को बच्चों के कमरे में बेड के सामने नहीं लगाना चाहिए। दर्पण का गलत स्थान बच्चों के मन में भ्रम और अस्थिरता पैदा कर सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी
बच्चों के कमरे में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल आदि को रखने से बचना चाहिए। अगर रखना आवश्यक हो, तो उन्हें बेड से दूर रखें। यह उपकरण नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
पढ़ाई की टेबल पर क्रिस्टल ग्लोब
पढ़ाई की टेबल पर क्रिस्टल ग्लोब रखना बच्चों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे घुमाने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और बच्चे के जीवन में नई संभावनाएँ उत्पन्न होती हैं।
खिड़कियों पर पर्दे
बच्चों के कमरे की खिड़कियों पर हल्के और मुलायम रंगों के पर्दे लगाएं। इससे कमरे में सुखद और शांति का माहौल बना रहता है और बच्चे को एक सुरक्षित वातावरण का अनुभव होता है।
संगीत और सुगंध का महत्व
कमरे में हल्की और मधुर संगीत का वातावरण बनाएं। साथ ही, अगरबत्ती या सुगंधित मोमबत्तियों का प्रयोग करें। इससे बच्चे के मन में शांति और सुकून का अनुभव होता है।
फर्नीचर का सही स्थान
बच्चों के कमरे में फर्नीचर का स्थान भी वास्तु के अनुसार ही होना चाहिए। फर्नीचर को दीवार से थोड़ा दूर रखें ताकि कमरे में ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो। साथ ही, गोलाकार फर्नीचर बच्चों के लिए अच्छा माना जाता है।
कमरे का वेंटिलेशन
बच्चों के कमरे में वेंटिलेशन का अच्छा प्रबंध होना चाहिए। इससे ताजगी और स्वच्छ हवा का प्रवेश होता है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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